एफ.एस.एस.ए.आई. वैश्विक मानदण्ड-युक्त मानक और पद्धतियां निर्धारित करता है। वह यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रवर्तन का कार्य सिलसिलेवार ढंग से और पूरी पारदर्शिता के साथ  सम्पन्न हो;  किए जाने वाले खाद्य परीक्षण भरोसेमंद हों;  खाद्य आयात को इस प्रकार से सुगम बनाना कि वह अबाध गति से चलता रहे। इसके साथ ही, नियामक कर्मचारियों और खाद्य व्यवसायियों को प्रशिक्षित करके और उनका क्षमता निर्माण करके अनुपालन में सुधार करना,   नागरिकों को सामाजिक और व्यवहारगत परिवर्तन की दिशा में प्रेरित करने के लिए शिक्षित करना  भी सुनिश्चित करता है।  एफ.एस.एस.ए.आई.  द्वारा अपने कई प्रभागों के माध्यम से इन कार्यों को सम्पन्न किया जाता है: 

1.    विज्ञान और मानक प्रभाग (I और II)

एफ.एस.एस.ए.आई. एक ऐसा निकाय है जो खाद्य पदार्थों के मानक निर्धारित करता है।  इसके द्वारा पूरी की पूरी खाद्य मूल्य श्रृंखला में अनिवार्य तौर पर लंबवत और क्षैतिज विज्ञान आधारित मानक निर्धारित किए जाते हैं। खाद्य विज्ञान, खाद्य पदार्थों के उपभोग की पद्धति,  नए उत्पादों और सहयोजकों के क्षेत्र में होने वाले नवीनतम विकास  और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी और खाद्य विश्लेषणात्मक पद्धतियों  और नए प्रकार के जोखिमों की पहचान में हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा मानकों का विकास/समीक्षा की जाती है।  मानकों का विकास 21 वैज्ञानिक पैनल और एक वैज्ञानिक समिति द्वारा किया जाता है।  इन पैनलों और समिति में 250 से भी अधिक विषयों के स्वतंत्र विशेषज्ञ/प्रख्यात वैज्ञानिक सम्मिलित हैं।

कोडेक्स इकाई एक ऐसी इकाई है जिसके द्वारा शेडो कमेटी; राष्ट्रीय कोडेक्स समिति;  कोर ग्रुप;  डीब्रीफिंग; कार्यबल की बैठकें आयोजित करने से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ कार्यशालाओं; और संगोष्ठियों का भी  आयोजन किया जाता है।

खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली जोखिम विश्लेषण और क्रिटिकल कंट्रोल पॉइंट (एचएसीसीपी) के आधार पर 1.3 बिलियन से अधिक लोगों के लिए सुरक्षित खाद्य की संस्कृति को बढ़ावा देती है। एफ.एस.एस.ए.आई. दिशा-निर्देश दस्तावेज, पद्धति संहिता आदि का विकास करता है  जिसका उपयोग विशेष रूप से एसएमई के क्षेत्र में पूरे देश में खाद्य कारोबारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा कार्यान्वयन के स्तर को उन्नत करने के लिए किया जाता है।

जोखिम मूल्यांकन प्रकोष्ठ जोखिम मूल्यांकन आधारित अध्ययन करने के लिए ढांचे का विकास करता है। प्राधिकरण द्वारा अनुसंधान एवं विकास/खाद्य गुणवत्ता एवं सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का विकास किया गया है।  एफ.एस.एस.ए.आई. अनुदान सहायता के माध्यम से  खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के उद्देश्यों प्राप्त करने के कार्य से सम्बद्ध अनुसंधान परियोजनाओं/प्रस्तावों को समर्थन प्रदान करता है।

2.    विनियम प्रभाग

अधिनियम की धारा 16, 22 और 92 में विशिष्ट रुप से एफएसएस अधिनियम, 2006 की धारा 92 (1) के अनुसार खाद्य प्राधिकरण को विभिन्न क्षेत्रों में विनियम बनाने से संबंधित निर्देशों का उल्लेख है।

प्राधिकरण का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद,  ऐसे विनियमों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में यथा-विनिर्दिष्ट और अधीनस्थ विधान संबंधी समिति के निर्देशों के अनुसार विधायिका के समक्ष पुनरीक्षण, अनुमोदन, अधिसूचना और क्रमस्थापना की एक निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करना अपेक्षित होता है।  विनियमन प्रभाग खाद्य सुरक्षा विनियमों को अधिसूचित करता है और उन्हें संशोधित करने का कार्य करता है।  विनियमन प्रभाग ऐसे विनियम भी विकसित करता है जो प्रकृति में अधिक सामान्य होते हैं और किसी वैज्ञानिक पैनल / प्रभाग की सक्षमता के अंतर्गत नहीं आते हैं।  इस समय,  भारत के राजपत्र में 24 प्रमुख विनियम अधिसूचित हैं।

3.   गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग (I और II)

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अध्याय VIII, धारा 43 के अनुसार, एफ.एस.एस.ए.आई.  खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुपालन के लिए खाद्य प्रयोगशालाओं में खाद्य के परीक्षण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देता है।

गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग खाद्य विश्लेषकों द्वारा लिए गए नमूनों का विश्लेषण करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रत्यायन परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला बोर्ड द्वारा प्रत्यायित खाद्य प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संस्थानों को अधिसूचित करता है। मान्यता, नवीनीकरण, निलंबन, मान्यता रद्द करने आदि सहित खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं/रेफरल प्रयोगशालाओं की अधिसूचना भी जारी की जाती है।

4.     नियामक अनुपालन प्रभाग

नियामक अनुपालन प्रभाग खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली (फोस्कोस) के माध्यम से खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस और पंजीकरण,  राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वय से  एफएसएस  अधिनियम की प्रवर्तन संबंधी गतिविधियां,  नियामक कर्मचारियों का प्रशिक्षण, तृतीय पक्ष संपरीक्षण,  उपभोक्ता शिकायतें,  एफएसएसएआई के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ समन्वय, स्वच्छता रेटिंग और खाद्य सुरक्षा मित्र की मान्यता से संबंधित सभी मामलों के संबंध में कार्य  करता है

5.    मानव संसाधन और वित्त प्रभाग

मानव संसाधन प्रभाग प्राधिकरण में जनशक्ति की भर्ती, कर्मचारियों की सेवा से संबंधित प्रशासनिक और कार्मिक मामलों और सतर्कता मामलों से संबंधित कार्य करता है। इसमें भर्ती के विभिन्न तरीकों जैसे सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति, अल्पकालिक अनुबंध, सलाहकारों की नियुक्ति के माध्यम से भर्ती करना और  भारत सरकार की आरक्षण नीतियों का कार्यान्वयन, पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति का गठन, परिवीक्षा का निवारण और स्थायीकरण, टर्नओवर नीतियों का कार्यान्वयन / तैनाती-स्थानांतरण, कर्मचारियों के वेतन और उपस्थिति से संबंधित दैनिक कार्य, रिकॉर्ड का रखरखाव, सतर्कता मामले, छुट्टी वेतन और पेंशन योगदान, छुट्टी यात्रा रियायत, चिकित्सा सुविधाएं और छुट्टी रखरखाव के कार्य सम्मिलित हैं।

वित्त और लेखा इकाई सभी प्रकार के लेखों से संबंधित मामलों की व्यवस्था, पीबीआर के रखरखाव, सभी कर्मचारियों के वेतन जारी करने और भुगतान के लिए अन्य सभी प्रकार के बिलों के संबंध में कार्रवाई,  वार्षिक बजट आदि की व्यवस्था करने के लिए उत्तरदायी है। आंतरिक लेखा परीक्षा प्रकोष्ठ की भी स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि लेखांकन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया सही है, पर्याप्त है और मौजूदा नियमों/विनियमों के अनुसार है।

6    सामान्य प्रशासन और नीति समन्वय प्रभाग

सामान्य प्रशासन प्रभाग कार्यालय भवन के रखरखाव, लाजिस्टिक व्यवस्था,  फर्नीचर, जुड़नार और लेखन-सामग्री की मदों की खरीद, सुविधा प्रबंधन सेवाओं की निगरानी, बिजली और पानी की आपूर्ति, मैनुअल, फोल्डर, फ़्लायर्स, लेटर हेड आदि के मुद्रण और संसद, आरटीआई और लोक शिकायत मामलों आदि के समन्वय के लिए उत्तरदायी है। सामान्य प्रशासन प्रभाग नीति समन्वय और प्राधिकरण बैठकों के लिए भी उत्तरदायी है।

इस प्राधिकरण के सभी कानूनी मामलों को एक कानूनी सेवा इकाई द्वारा केंद्रीय रूप से नियंत्रित किया जाता है। इस समय यह प्रभाग विभिन्न न्यायालयों में 600 से अधिक मामलों को देख रहा है। इस इकाई द्वारा अन्य सभी प्रभागों द्वारा किए गए समझौता ज्ञापनों और करारों  के संबंध में कानूनी सलाह भी प्रदान की जाती है।

7.    सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग

एफ.एस.एस.ए.आई. द्वारा दक्षता, पारदर्शिता, वृद्धित पहुंच, नियंत्रित और अधिक प्रभावी अनुपालन प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर कुशल प्रौद्योगिकियां अपनायी जाती हैं और ऑनलाइन खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण से संबंधित कार्य संपन्न किए जाते हैं। आईटी प्रभाग द्वारा अनुरक्षित विभिन्न सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग, माइक्रो-साइट और प्रमुख पोर्टलों का रख-रखाव किया जाता है: -

  • खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण प्रणाली

  • खाद्य आयात निकासी प्रणाली

  • नई लाइसेंसिंग और अनुपालन प्रणाली का विकास: खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली (फोस्कोस)

  • अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल: खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन (फोस्टेक)

  • सामान्य निरीक्षण और निगरानी पोर्टल: नियमित निरीक्षण और नमूना प्रणाली के माध्यम से खाद्य सुरक्षा अनुपालन(फोस्कोरिस)

  • भारतीय खाद्य प्रयोगशाला नेटवर्क (इंफोलनेट)

एफएफआरसी, डार्ट, आईएफएसए, ईट राइट, एक्सपीरियंस ज़ोन पोर्टल, भर्ती पोर्टल, वैज्ञानिक पोर्टल और इंटर्नशिप पोर्टल के साथ-साथ अन्य सोशल मीडिया से संबंधित गतिविधियों, कार्य-प्रवाह का परीक्षण करने के लिए एप्लीकेशनों  का परीक्षण आदि जैसे कई अन्य पोर्टल / माइक्रो-साइट्स हैं,  जिनकी संस्थापना और रखरखाव किया जा रहा है।

8    सामाजिक और व्यवहारगत परिवर्तन प्रभाग

एफएसएस अधिनियम, 2006 की धारा 16 के अंतर्गत,  विशेष रूप से खाद्य प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे सभी कदम उठाने के लिए दिए जाने वाले निर्देश विनिर्दिष्ट है कि जनता, उपभोक्ताओं, इच्छुक पार्टियों और पंचायतों के सभी स्तरों को उचित तरीकों और साधनों के माध्यम से शीघ्रतापूर्वक विश्वसनीय, उद्देश्यपूर्ण और व्यापक जानकारी प्राप्त हो।

इसे ध्यान में रखते हुए, एफ.एस.एस.ए.आई. का सामाजिक और व्यवहारगत परिवर्तन प्रभाग बडे पैमाने पर जनता के हित में विभिन्न माध्यमों से खाद्य सुरक्षा और पोषण से संबंधित जानकारी का प्रसार करने के लिए विभिन्न सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों के संबंध में कार्य करता है।  प्रभाग का प्राथमिक उद्देश्य 'ईट राइट इंडिया' आंदोलन के माध्यम से सही भोजन की पद्धतियों के प्रति नागरिकों के व्यवहार में परिवर्तन के जरिए सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भोजन विकल्पों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न सहयोगी दृष्टिकोणों, साझेदारी और कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना है। ईट राइट इंडिया के तहत, एफ.एस.एस.ए.आई. ने पूजा के स्थानों, ईट राइट कैम्पस, ईट राइट स्कूल और ईट राइट स्टेशंस स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब, स्वच्छ और ताजे फल और सब्जी बाजार के लिए, भोग (ब्लिसफुल हाइजैनिक ऑफरिंग टू गॉड) जैसी योजनाओं के साथ सही खाद्य प्रथाओं और आदतों का वातावरण बनाने के लिए खाद्य कारोबार और उपभोक्ताओं दोनों को लक्षित करने वाली पहल शुरू की है।

9.      व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रभाग

आयात इकाई द्वारा खाद्य आयात स्वीकृति से संबंधित आवेदनों पर कार्रवाई की जाती है। इस समय, एफ.एस.एस.ए.आई.  छह पत्तनों  अर्थात चेन्नई,  मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, कोच्चि और तूतीकोरिन पर कार्य कर रहा है जिनके अंतर्गत प्रवेश के 21 स्थल आते हैं। खाद्य प्राधिकरण ने अटारी, मुंबई जेएनपीटी, कांडला, कृष्णापट्टनम और रक्सौल में नए आयात कार्यालय खोलने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। शीघ्र ही इनके द्वारा कार्य प्रारंभ किया जाएगा।  आयात इकाई ने सीमा शुल्क विभाग के आईसीईजीएटीई सिस्टम (भारतीय सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स/इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (ईसी/ईडीआई) गेटवे) के साथ अपनी ऑनलाइन खाद्य आयात निकासी प्रणाली (एफआईसीएस) को एकीकृत किया है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग इकाई खाद्य सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित मामलों में समन्वय करने और इनके संबंध में कार्रवाई करने के लिए एक नोडल एजेंसी है। यह इकाई औपचारिक व्यवस्थाओं/समझौता ज्ञापन के  माध्यम से खाद्य सुरक्षा के संबंध में सहयोग के लिए विभिन्न देशों/एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ संपर्क स्थापित करती है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग खाद्य सुरक्षा और संबंधित क्षेत्रों पर बैठक/कार्यशालाएं/सम्मेलन/संगोष्ठियां आयोजित करके विभिन्न देशों/एजेंसियों के साथ क्षमता निर्माण की कवायद को भी अंजाम देती है।

10.     प्रशिक्षण प्रभाग

एफ.एस.एस.ए.आई. का प्रशिक्षण प्रभाग दो प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है जैसेकि खाद्य कारोबारियों का प्रशिक्षण (फोस्टेक) और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के नियामक कर्मचारियों का प्रशिक्षण। प्रख्यात डोमेन विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रभाग ने नए पाठ्यक्रम विकसित किए हैं,  मौजूदा पाठ्यक्रमों का अद्यतनीकरण, प्रशिक्षण मैन्यूअल तैयार करना, ऑनलाइन और डिजीटल पाठ्यक्रमों का निर्माण और प्रबंधन, प्रशिक्षण भागीदारों का पैनल,  सभी पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, स्टाफ प्रशिक्षण आदि। खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन (फोस्टेक)  खाद्य कारोबारियों के बीच खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, नियमों और विनियमों के बारे में शिक्षा का प्रसार और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम है। सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए नियमित अंतराल पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों, अभिहित अधिकारियों और न्याय-निर्णय अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण प्रभाग नियामक अधिकारियों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों और कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है।

11.    Rajbhasha: हिंदी प्रभाग के मुख्‍य कार्य निम्‍नानुसार हैं:

  • प्रभागों हिंदी की तिमाही रिपोर्टें मंगवाकर उन्‍हें समेकित करके मंत्रालय, राजभाषा विभाग और नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति को समेकित रिपोर्ट भेजना,
  • राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठकों का आयोजन करना,
  • हिंदी कार्यशालाएँ करना,
  • प्रभागों और क्षेत्रीय कार्यालयों में हिंदी कार्य की प्रगति का निरीक्षण करना,
  • हिंदी पखवाड़े का आयोजन करना,
  • हिंदी की प्रोत्‍साहन योजनाओं का क्रियान्‍वयन करना,
  • संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षणों से संबंधित कार्य करना,
  • प्रभागों से अनुवाद के लिए प्राप्‍त सामग्रियों का हिंदी अनुवाद करना,
  • हिंदी कार्यान्‍वयन के संबंध में मंत्रालय, राजभाषा विभाग, संसदीय राजभाषा समिति आदि से प्राप्‍त निर्देशों का अनुपालन कराना,
  • नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन  समिति की बैठकों में भाग लेना,

एफ.एस.एस.ए.आई के अधिकारियों/ कर्मचारियों का विवरण

परिवार और कल्याण मंत्रालय से प्राप्त कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में सूचना नीचे दी गई है Pdf size:( 0.16 MB)
एफ.एस.एस.ए.आई. में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या की सूची Pdf size:( 0.57 MB)

केन्द्रीय सहायता

परिवार और कल्याण मंत्रालय से प्राप्त कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में सूचना नीचे दी गई है: Pdf size:( 0.16 MB)
गत 4 वर्षों के लिए केन्द्रीय सहायता ।  विवरण नीचे तालिका में दिया गया है

  (रुपये करोड़ में)
वित्तीय वर्ष मंत्रालय से वास्तव में प्राप्त
2013-14 56.93
2014-15 41.11
2015-16 54.88
2016-17 54.61